वैकल्पिक विषय – इतिहास प्रश्नपत्र-1 सिलेबस
1. स्रोतः पुरातात्विक स्रोतः अन्वेषण, उत्खनन, पुरालेखविद्या, मुद्राशास्त्र, स्मारक, साहित्य स्रोत। स्वदेशीः प्राथमिक व द्वितीयक; कविता, विज्ञान साहित्य, साहित्य, क्षेत्रीय भाषाओं का साहित्य, धार्मिक साहित्य। विदेशी वर्णन : यूनानी, चीनी एवं अरब लेखक
2. प्रागैतिहास एवं आद्य इतिहासः भौगोलिक कारक, शिकार एवं संग्रहण (पुरापाषाण एवं मध्यपाषाण युग); कृषि का आरंभ (नवपाषाण एवं ताम्रपाषाण युग)।
3. सिंधु घाटी सभ्यताः उद्गम, काल, विस्तार, विशेषताएँ, पतन, अस्तित्व एवं महत्त्व, कला एवं स्थापत्य।
4. महापाषाणयुगीन संस्कृतियाँ: सिंधु से बाहर पशुचारण एवं कृषि संस्कृतियों का विस्तार, सामुदायिक जीवन का विकास, बस्तियाँ, कृषि का विकास, शिल्पकर्म, मृदभांड एवं लौह उद्योग।
5. आर्य एवं वैदिक कालः भारत में आर्यों का प्रसार। वैदिक कालः धार्मिक एवं दार्शनिक साहित्य; ऋग्वैदिक काल से उत्तर वैदिक काल तक हुए रूपांतरण; राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक जीवन; वैदिक युग का महत्त्व; राजतंत्र एवं वर्ण व्यवस्था का क्रम विकास।
6. महाजनपद कालः महाजनपदों का निर्माण: गणतंत्रीय एवं राजतंत्रीय; नगर केंद्रों का उद्भव; व्यापार मार्ग, आर्थिक विकास; टंकण (सिक्का ढलाई); जैन धर्म एवं बौद्ध धर्म का प्रसार; मगधों एवं नंदों का उद्भव। ईरानी एवं मकदूनियाई आक्रमण एवं उनके प्रभाव।
7. मौर्य साम्राज्यः मौर्य साम्राज्य की नींव, चंद्रगुप्त, कौटिल्य और अर्थशास्त्र; अशोक; धर्म की संकल्पना; धर्मादेश; राज्य व्यवस्था; प्रशासन; अर्थ-व्यवस्था; कला, स्थापत्य एवं मूर्तिशिल्प; विदेशी संपर्क; धर्म; धर्म का प्रसार; साहित्य। साम्राज्य का विघटन; शुंग एवं कण्व।
8. उत्तर मौर्य काल (भारत-यूनानी, शक, कुषाण, पश्चिमी क्षत्रप): बाहरी विश्व से संपर्क; नगर-केंद्रों का विकास, अर्थव्यवस्था, टंकण, धर्मों का विकास, महायान, सामाजिक दशाएँ, कला, स्थापत्य, संस्कृति, साहित्य एवं विज्ञान।
9. प्रारंभिक राज्य एवं समाज; पूर्वी भारत, दकन एवं दक्षिण भारत में: खारवेल, सातवाहन, संगमकालीन तमिल राज्य; प्रशासन, अर्थव्यवस्था, भूमि-अनुदान, टंकण, व्यापारिक श्रेणियों एवं नगर केंद्र; बौद्ध केंद्र, संगम साहित्य एवं संस्कृति, कला एवं स्थापत्य।
10. गुप्त वंश, वाकाटक एवं वर्धन वंशः राज्य व्यवस्था एवं प्रशासन, आर्थिक दशाएँ, गुप्तकालीन टंकण, भूमि अनुदान, नगर केंद्रों का पतन, भारतीय सामंतशाही, जाति प्रथा, स्त्री की स्थिति, शिक्षा एवं शैक्षिक संस्थाएँ, नालंदा, विक्रमशिला एवं वल्लभी, साहित्य, विज्ञान, कला एवं स्थापत्य।
11. गुप्तकालीन क्षेत्रीय राज्यः कदंब वंश, पल्लव वंश, बादामी का चालुक्य वंश; राज्य व्यवस्था एवं प्रशासन, व्यापारिक श्रेणियाँ, साहित्य; वैष्णव एवं शैव धर्मों का विकास। तमिल भक्ति आंदोलन, शंकराचार्य; वेदांत, मंदिर संस्थाएँ एवं मंदिर स्थापत्य; पाल वंश, सेन वंश, राष्ट्रकूट वंश, परमार वंश, राज्य व्यवस्था एवं प्रशासन; सांस्कृतिक पक्ष। सिंध के अरब विजेता; अलबरूनी, कल्याणी का चालुक्य वंश, चोल वंश, होयसल वंश, पांड्य वंश, राज्य व्यवस्था एवं प्रशासन; स्थानीय शासन; कला एवं स्थापत्य का विकास, धार्मिक संप्रदाय, मंदिर एवं मठ संस्थाएँ, अग्रहार वंश, शिक्षा एवं साहित्य, अर्थव्यवस्था एवं समाज।
12. प्रारंभिक भारतीय सांस्कृतिक इतिहास के प्रतिपाद्य (Themes infarly Indian Cultural History):भाषाएँ एवं मूलग्रंथ, कला एवं स्थापत्य के क्रम विकास के प्रमुख चरण, प्रमुख दार्शनिक चिंतक एवं शाखाएँ, विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र में विचार।
13. प्रारंभिक मध्यकालीन भारत, 750-1200
♦ राज्य व्यवस्था : उत्तरी भारत एवं प्रायद्वीप में प्रमुख राजनैतिक घटनाक्रम, राजपूतों का उद्गम एवं उदय।
♦ चोल वंश : ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं समाज
♦ भारतीय सामंतशाही
♦ कृषि अर्थव्यवस्था एवं नगरीय बस्तियाँ
♦ व्यापार एवं वाणिज्य
♦ समाज : ब्राह्मण की स्थिति एवं नई सामाजिक व्यवस्था
♦ स्त्री की स्थिति
♦ भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
14. भारत की सांस्कृतिक पंरपरा, 750-1200
♦ दर्शनः शंकराचार्य एवं वेदांत, रामानुज एवं विशिष्टाद्वैत, मध्व एवं ब्रह्म-मीमांसा।
♦ धर्म : धर्म के स्वरूप एवं विशेषताएँ, तमिल भक्ति, संप्रदाय, भक्ति का विकास, इस्लाम एवं भारत में इसका आगमन, सूफी मत।
♦ साहित्य : संस्कृत साहित्य, तमिल साहित्य का विकास, नवविकासशील भाषाओं का साहित्य, कल्हण की राजतरंगिणी, अलबरूनी का इंडिया।
♦ कला एवं स्थापत्य : मंदिर स्थापत्य, मूर्तिशिल्प, चित्रकला।
15. तेरहवीं शताब्दी
♦ दिल्ली सल्तनत की स्थापना : गोरी के आक्रमण-गोरी की सफलता के पीछे कारक।
♦ आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिणाम।
♦ दिल्ली सल्तनत की स्थापना एवं प्रारंभिक तुर्क सुल्तान।
♦ सुदृढ़ीकरण : इल्तुतमिश और बलबन का शासन।
16. चौदहवीं शताब्दी
♦ खिलजी क्रांति
♦ अलाउद्दीन खिलजी : विजय एवं क्षेत्र-प्रसार, कृषि एवं आर्थिक उपाय।
♦ मुहम्मद तुगलक : प्रमुख प्रकल्प (Project), कृषि उपाय, मुहम्मद तुगलक की अफसरशाही।
♦ फिरोज तुगलक : कृषि उपाय, सिविल इंजीनियरी एवं लोक निर्माण में उपलब्धियाँ, दिल्ली सल्तनत का पतन, विदेशी संपर्क एवं इब्नबतूता का वर्णन।
17. तेरहवीं एवं चौदहवीं शताब्दी का समाज, संस्कृति एवं अर्थव्यवस्था
♦ समाज, ग्रामीण समाज की रचना, शासी वर्ग, नगर निवासी, स्त्री, धार्मिक वर्ग, सल्तनत के अंतर्गत जाति एवं दास प्रथा, भक्ति आन्दोलन, सूफी आन्दोलन।
♦ संस्कृति : फारसी साहित्य, उत्तर भारत की क्षेत्रीय भाषाओं का साहित्य, दक्षिण भारत की भाषाओं का साहित्य, सल्तनत स्थापत्य एवं नए स्थापत्य रूप, चित्रकला, सम्मिश्र संस्कृति का विकास।
♦ अर्थव्यवस्था : कृषि उत्पादन, नगरीय अर्थव्यवस्था एवं कृषित्तर उत्पादन का उद्भव, व्यापार एवं वाणिज्य।
18. पंद्रहवीं एवं प्रारंभिक सोलहवीं शताब्दी-राजनैतिक घटनाक्रम एवं अर्थव्यवस्था
♦ प्रांतीय राजवंशों का उदयः बंगाल, कश्मीर (जैनुल आबदीन), गुजरात, मालवा, बहमनी।
♦ विजयनगर साम्राज्य
♦ लोदी वंश
♦ मुगल साम्राज्य, पहला चरण : बाबर एवं हुमायूँ
♦ सूर साम्राज्य : शेरशाह का प्रशासन
♦ पुर्तगाली औपनिवेशिक प्रतिष्ठान
19. पंद्रहवीं एवं प्रारंभिक सोलहवीं शताब्दी : समाज एवं संस्कृति
♦ क्षेत्रीय सांस्कृतिक विशिष्टताएँ
♦ साहित्यिक परंपराएँ
♦ प्रांतीय स्थापत्य
♦ विजयनगर साम्राज्य का समाज, संस्कृति, साहित्य और कला।
20. अकबर
♦ विजय एवं साम्राज्य का सुदृढ़ीकरण
♦ जागीर एवं मनसब व्यवस्था की स्थापना
♦ राजपूत नीति
♦ धार्मिक एवं सामाजिक दृष्टिकोण का विकास, सुलह-ए-कुल का सिद्धांत एवं धार्मिक नीति।
♦ कला एवं प्रौद्योगिकी को राज-दरबारी संरक्षण।
21. सत्रहवीं शताब्दी में मुगल साम्राज्य
♦ जहाँगीर, शाहजहाँ एवं औरंगजेब की प्रमुख प्रशासनिक नीतियाँ
♦ साम्राज्य एवं जमींदार
♦ जहाँगीर, शाहजहाँ एवं औरंगजेब की धार्मिक नीतियाँ
♦ मुगल राज्य का स्वरूप
♦ उत्तर सत्रहवीं शताब्दी का संकट एवं विद्रोह
♦ अहोम साम्राज्य
♦ शिवाजी एवं प्रारंभिक मराठा राज्य
22. सोलहवीं एवं सत्रहवीं शताब्दी में अर्थव्यवस्था एवं समाज
♦ जनसंख्या, कृषि उत्पादन, शिल्प उत्पादन
♦ नगर, डच, अंग्रेज़ी एवं फ्राँसीसी कंपनियों के माध्यम से यूरोप के साथ वाणिज्य : व्यापार क्रांति।
♦ भारतीय व्यापारी वर्ग, बैंकिग, बीमा एवं ऋण प्रणालियाँ
♦ किसानों की दशा, स्त्रियों की दशा
♦ सिख समुदाय एवं खालसा पंथ का विकास
23. मुगल साम्राज्यकालीन संस्कृति
♦ फारसी इतिहास एवं अन्य साहित्य
♦ हिन्दी एवं अन्य धार्मिक साहित्य
♦ मुगल स्थापत्य
♦ मुगल चित्रकला
♦ प्रांतीय स्थापत्य एवं चित्रकला
♦ शास्रीय संगीत
♦ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
24. अठारहवीं शताब्दी
♦ मुगल साम्राज्य के पतन के कारक
♦ क्षेत्रीय सामंत देशः निजाम का दकन, बंगाल, अवध
♦ पेशवा के अधीन मराठा उत्कर्ष
♦ मराठा राजकोषीय एवं वित्तीय व्यवस्था
♦ अफगान शक्ति का उदय, पानीपत का युद्ध-1761
♦ ब्रिटिश विजय की पूर्व संध्या में राजनीति, संस्कृति एवं अर्थव्यवस्था की स्थिति।